
आ गया माह अब जून का
देखो सक्रिय हो रहा है मानसून
गर्मी ने हमें खूब रुलाया
गर्मी से हाल बेहाल था
हौले -हौले मानसून में दस्तक दी
आओ मानसून का स्वागत करें
ऐ मानसून! तुझे सभी प्राणियों का है गहरा रिश्ता
तेरे आगमन से माहौल खुशनुमा हो जाता
बारिश का मौसम हम अजीज सा है लगता
जब भी है आता एक सुकून सा है लगता
मानसून की पहली बूंद में प्रकृति की फिजा निराली होती है
सबके मन में खुशियों की बारिश होती है
मानसून की पहली बूंद प्यासी धरती की प्यास बुझाता है
मानसून का सबको रहता है इंतजार
नहीं कर सकते इससे इनकार
प्रकृति करती है प्यार का इजहार
मानसून की पहली बारिश में
सभी के अरमान जाग उठते हैं
देखो अब नहीं कुछ सोचना और समझना
बस बारिश की बूंदों का मजा है लेना
बादल गरजे ,बिजली चमके
देख -देख कर जियरा धड़के
काले- घने बादल उमड़ते -घुमड़ते
देख- देख हरषाता है मन
तन की ज्वाला को ठंडक है देता
किसानों का भी मन है हरषाता
खेतों में बीजारोपण करने का
उत्तम समय है आता
सच, बचपन में वो कागज की कश्ती
और बारिश में भींग- भींग कर करना मस्ती
जब प्यासी धरती को बारिश की बूंदें
स्पर्श है करती
एक अजब सा अनोखा अहसास है जगाती
प्यासी धरती को ठंडक है मिल जाती
सबके मन को आह्लादित है करता
गरम पकोड़े और पकवानों की सुगंध हवाओं में घुल जाता है
सबके मन को ललचाता है
डॉ मीना कुमारी परिहार