Uncategorized
Trending

अगर हम साथ है।

एक बार एक पौधे ने फूल से कहा अच्छा है। आज तुम मुझसे आजाद हो रहे हो ,अब तुम्हें मेरी डाली पर लटकाना नहीं पड़ेगा । आज तुम स्वतंत्र विचरण करोगे।
फूल ने पौधे से कहा,” मत कहो की में आजाद हो रहा हूं,  मुझे तो तेरे डाली पर लटकाना ही अच्छा लगता है ।जब तक तुमसे जुड़ा हूं मेरी महक है , मैं खिला हुआ हूं , जब मैं तुमसे अलग हो जाऊंगा तो कुछ ही घंटों में मुरझा जाऊंगा ,कुछ ही घंटों में मेरी महक खत्म हो जाएगी, तब मैं कचरे में फेंक दिया जाऊंगा ।
जब तक मैं तुम्हारे साथ हूं मैं खुशबू देता रहूंगा।

इसी प्रकार अगर हम अपनी संस्कृति के साथ है तो उसे आगे बढ़ाएंगे।  हमारी उन्नति होगी। अगर हम अपनी ही जड़ों से अलग हो जायेंगे तो हो सकता है, कुछ वक्त हम महक जाए पर हम मुरझा भी जल्द ही जायेंगे।

बच्चे जब माता पिता से जुड़े रहेंगे तभी तो अच्छे संस्कार, अपने रीति रिवाज समझ पाएंगे ,जब हम ही उन्हें अपने से अलग कर देंगे तो सोचो कितने दिन वो महकेंगे ? आज माता पिता दोनो ही पैसे कमाने में लगे है ना तो वो अपने माता पिता के साथ दे पा रहें और न ही अपने बच्चों का तो जब हम साथ ही नहीं हो तो संस्कृति बढ़ेगी कैसे?
अगर हम संस्कृति के साथ हैं, प्रकृति के साथ हैं तो , कभी मुरझाएंगे नहीं ।
अगर हम संतति के साथ हैं , अगर हम जन्मदाता के साथ हैं तो हर मुश्किल पार कर सकते हैं।
जब एक फूल अपनी जड़ों से अलग होकर मुरझा जाता है तो सोचिए जब हम अपनी संस्कृति को छोड़ अलग हो जायेंगे तो हमारा क्या हाल होगा?
बात बहुत सरल सी है कितने भी आगे बड़ों पर अपनी संस्कृति के साथ रहो, अपने परिवार से जुड़े रहो उनसे अलग होकर कुछ नहीं मिलेगा कुछ दिन की चकाचौंध जरूर लुभाएगी, पर जब विपत्ति आयेगी तो कौन पूछेगा?
अगर हम साथ हो तो हर मंजर आसान है ,अगर हम साथ हो तो जिंदगी का हर पड़ाव शानदार है।।

अगर कोई मेरे विचारो से सहमत नहीं है तो माफी चाहती हूं ।

जय माता जी की
विद्या बाहेती महेश्वरी राजस्थान

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *