
नवरात्रि का पावन त्योहार,
गूंजे हर ओर जय-जयकार।
श्वेत वस्त्र में ज्योति अपार,
मां महागौरी करती उद्धार।।
करुणा, शांति का देती दान,
मां महागौरी भरती जहान।
निर्मलता का अद्भुत स्वरूप,
मां महागौरी जगाती रूप।।
सिद्धि, बुद्धि का तू ही आधार,
मां महागौरी जग की सरकार।
भक्ति में जो लीन हो जाए,
मां महागौरी मुक्ति दिलाए।।
सच्चे मन से जो तुझे पुकारे,
मां महागौरी सुख-संपदा उतारे।
कलुषित मन हो जाता निर्मल,
मां महागौरी करती सफल।।
दुख हर लेतीं, सुख बरसातीं,
ममता से सबको गले लगातीं।
संशय, भय, अज्ञान मिटाकर,
ज्ञान की जोत स्वयं जगातीं।।
हे अंबे! मां, हे पावन गौरी,
तुमसे जग जीवन पाता नारी।
आशीष तुम्हारा साथ रहे तो,
हर पल बने मंगलमयी कारी।।
योगेश गहतोड़ी “यश”