
सूर्य और प्रकाश की अजब दोस्ती है,
कठिन मार्ग है पर सनातन की रीति है।
सभी ऋतुओं में सदा साथ रहता।
ना साथ छोड़ता ना अकेला रहता।।
अगर दोस्त सच्चा अंधेरे से क्या डर,
दोस्तों के साथ है उजालों भरी डगर।।
वही दोस्त सच्चा जो सदा साथ देता ।
हो कांटों भरी राह, सुगम सदा करता।।
दोस्त यदि बनाना निभाना सदा चाहिए।
मुसीबत में दोस्त को छोड़नानाचाहिए।।
पुष्पा पाठक