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“रक्षाबंधन पर विशेष”

भाई-बहन का प्यार


धागा हर्षाने लगा,होकर के मजबूत।
भाई के कर में बँधा,बहना है अभिभूत।।

राखी की फैली महक,अहसासों से प्यार।
भाई है परदेश में,खुशबू सीमापार।।

हरकारा लगता भला,लाएगा संदेश।
राखी,रोली,आरती,हरने लगे कलेश।।

जीवन अब गतिशील है,लगे खुशी को पाँव।
एक बार फिर से बसा,सम्बंधों का गाँव।।

मुस्काती है रोशनी,भाव हुए हैं नेक।
रिश्तों का होने लगा,फिर से नव अभिषेक।।

यादें,बचपन,शुभ वचन,पर्व,तीज-त्योहार।
शुचिता के मौसम जगे,मिथ्या की है हार।।

सजकर माथे पर तिलक,देता है पैग़ाम।
बहना ने भेजी दुआ,निज वीरा के नाम।।

तोड़ बंध पल में सभी,बदल गए आयाम।
रक्षा के वादे जवाँ,भाव हुए अभिराम।।

          -प्रो.(डॉ)शरद नारायण खरे
                        प्राचार्य
शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
          मंडला,मप्र-481661
         

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