
पतझड़* सी ये पतझार जिंदगी मेरी
बनके बसंत बहार तुम जो आ जाओ
जिंदगी*ये हो जाएगी सतरंगी मेरी
बनके इंद्रधनुषी रंग तुम जो आ जाओ
सतरंगी* दर्पण में देखूं तस्वीर मेरी
बनके आईना मेरा तुम जो आ जाओ
तस्वीर* तेरी देखें तो धड़कती है धड़कने मेरी
बनके लहू धड़कनों का तुम जो आ जाओ
लहू* लहू मेरा बस तेरा ही नाम पुकारता रहे
थामने सांसों की डोर तुम जो आ जाओ
प्रिया काम्बोज प्रिया सहारनपुर उत्तर प्रदेश