
इन्हें ना समझो कच्चे धागे
हर बहना का मान है,
बहन की खातिर बलि बलि
जाये भाई वह भगवान है।।
हम हैं भाई बहन हम हैं भाई बहन
अपना देश बचाने खातिर
कर्मा ने राखी भेजी,
वीर हुमाॅयूं ने फिर देखो
सेना की टुकड़ी भेजी ,
जान बचाकर भागा पीछे
मात शत्रु ने खाई थी ,
राखी के धागों की कीमत
भाई ने निभाई थी!!
हम हैं भाई बहन हम हैं भाई बहन।
चक्र सुदर्शन धारी कृष्णा
शिशुपाल का वध करते,
उंगली कटी देखकर द्रोपदी
चुनरी का बंधन कस दे-
भगिनी प्रेम में फंसे कृष्णा
फिर, मान भाई का रखते है,
दुष्ट दुशासन थका खींचते
साड़ी ना घटने देते
हम हैं भाई बहन हम हैं भाई बहन।।
राखी बांध लगाकर टीका
भाई को आशीष देती ,
अपनी रक्षा करने का
फिर उससे एक वचन लेती
हरा भरा मेरा रहे मायका
प्रभु से यह विनती करती
नाम पिता का रोशन करना
केवल यह आशा रखती ।।
हम हैं भाई बहन हम हैं भाई बहन
रक्षा बंधन रक्षा बंधन———
स्वरचित पुष्पापाठक