
स्नेहसिक्त ये रेशमी धागे
इतने मजबूत होते हैं,
बंध गई जिस कलाई पर
उस व्यक्तित्व को मज़बूती
से बांध लेते हैं।
वैसे तो यह कलाई पर
बांधी जाती है, पर इससे
दिल बंध जाते हैं।
नरम, मुलायम, यह धागे
किस मजबूती से बांधते हैं दिल,
इसका साक्षी इतिहास है।
यह बंधन जाति पाति नहीं मानता,
यह एक अद्भुत सी प्रीति
कलाइयों से दिलों तक पहुंचा देता है।
पावन भावनाओं का त्यौहार है यह।
सुलेखा चटर्जी