Uncategorized
Trending

गीत: “बरखा आई रे, साजन रो संदेसो लाई रे”

घेर-घेर आई बदली छाई,
मन म्हं मीत री याद समाई।
भीज्यां बगिच्यां, भीज्यां डारां,
आया सावण प्रेम सूं भरया।
बरखा आई रे… साजन रो संदेसो लाई रे…।
नाच्यो मोर, बगां चहक्यां,
धरती माँ री गोद महक्यां।
फूल्यां थारां बगां-खेतां,
घूमें बालक छप-छप रेतां।
बरखा आई रे… साजन रो संदेसो लाई रे…।
नदिया गाए, घणा रसधारां,
छाज्यां अम्बर रिमझिम धारां।
ढोल नगारां बाजां री झंकार,
घर-घर आवे प्रेम रो त्यौहार।
बरखा आई रे… साजन रो संदेसो लाई रे…।
थर-थर कांपै पथरां प्यारा,
चमकै बिजळी देख झगकारा।
घूंघट खोले बाई मुसकाई,
सावण आयो, पी रा संदेश लायो।
बरखा आई रे… साजन रो संदेसो लाई रे…।
बरखा आई रे… साजन रो संदेसो लाई रे…
धरती सूं अम्बर री रैणा सजाई रे…
प्रेम-घूंट री बूँदां बरसाई रे…

डॉ बीएल सैनी
श्रीमाधोपुर सीकर राजस्थान

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *