
शब्दों में छुपा वह जादू, जो जीवन बदल दे जाता,
गुरु ही वह दीपक होते, जो तम को दूर भगाता।
सुनसान राहों में चलना जब कठिन लगे मन को,
गुरु ही साहस दे जाता है, थामकर उर-कन को।
वो केवल पाठ न पढ़ाते, अनुभव बाँटते जाते,
हर मोड़ पर, हर कठिनाई में, संबल बनकर आते।
सींचते हैं ज्ञान से तन-मन, जैसे धरती मेघ से,
गढ़ते हैं मानवता के पथ, सच्चाई के लेख से।
नमन उन्हें, जिनके कारण, हम सोच सकें कुछ आगे,
जो समय-शिला पर उकेरें, मूल्य, नीति और त्यागे।
गुरु बिन जीवन अधूरा है, ये सच सबको मानें,
उनके चरणों में वंदन कर, हम कृतज्ञता जानें।
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डॉ बीएल सैनी
श्रीमाधोपुर सीकर राजस्थान