
कहानी सूखी रोटी की,
नमक और फटी धोती की,
तेल-तिलहन, रोज़ी-रोज़गार की,
बस्ती, गांव, खेत-खलिहान की
कहानी सूखी रोटी की।
किसान-मज़दूर, मजदूरी की,
बिहन, धान, रोपनी की,
भूख, भूखा, भुखमरी की,
कादो, कीचड़, माटी की
कहानी सूखी रोटी की।
ज़िन्दगी, मौत, जवानी की,
आहार, पोखर, तालाब की,
बिन मौत मृत्यु की,
धूप में जलने की
कहानी सूखी रोटी की।
प्यास से प्यासे मरने की,
बाढ़ में नगर बहने की,
आँसू झर-झर बहने की,
होठों के सदा सिसकने की
कहानी सूखी रोटी की।
साग, सब्ज़ी, तरकारी की,
बिन पानी के कुएँ की,
लाठा, कुड़ी, खंभा की,
हल, बैल, बैलगाड़ी की
कहानी सूखी रोटी की।
दाल, दलहन, अनाज की,
रात-दिन चरवाही की,
सूखी नदिया, बहते रेत की,
सूखा, सुखाड़, खुशहाली की
कहानी सूखी रोटी की।
आर एस लॉस्टम
लखनऊ