
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
नंद के आँगन गूँज रही, आज बधाई की झंकार।
जन्मे नंदकिशोर जब, मिटे जगत का अंधकार॥
मुरली की मधुर तान से, मन को मिले सहारा।
राधा-कृष्ण की प्रीत दे, जीवन को उजियारा॥
आपको जीवन में सदा मिले, कान्हा का शुभाशीष।
सुख-समृद्धि, शांति मिले, मिले आनंद का प्रकाश॥
गोपी के मन की पुकार है, राधा का अनंत प्रेम।
कान्हा संग रस-लील में, जगत हुआ अभिराम॥
गोकुल की गलियों में छुपा, हर स्वर में उत्सव गीत।
शिशु कृष्ण की नन्ही अदा, जग को करती प्रीति॥
मैया की ममता संग सजी, लोरी में मधुर सुर।
श्री कृष्ण घुटनों पर चले, मन हर ले भरपूर॥
माखन की मटकी फोड़कर, हँसते हैं नंदलाल।
चोरी में भी प्रेम भरा, इसमें छुपा है ज्ञान॥
कान्हा की बंसी जब बजे, मिट जाए हर संताप।
हर हृदय वृंदावन बने, हर मुख पर हो जाप॥
जय-जय श्री व्रजधाम के, कान्हा गिरधर गोपाल।
जन्माष्टमी के इस दिवस, शुभमंगल हो हर हाल॥
सदा रहे जीवन में आपके, प्रभु का यह आशीष।
प्रेम, भक्ति और सत्य से, सजे उज्ज्वल हर शीश॥
योगेश गहतोड़ी