
भीषण संकट में है धरती हमारी
इसे बचाना है हमारी जिम्मेदारी
आओ हम सब मिलकर पर्यावरण
को बचाएं
प्रकृति से चल रही छेड़छाड़
विलासिता सुख भोग की मानव की है चाहे
मानव कृत प्रदूषण की भरमार
कटते वन बढ़ती पॉलिथीन का उपयोग
कल- कारखानों से निकला विषाक्त कचरा
वाहनों द्वारा निकलता धुआं
एसी,कूलर एवं फ्रीजों द्वारा उत्सर्जित जहरीली गैसों का प्रभाव
ओजोन परत, गलते ग्लेशियर
इन सब के पीछे हम सुख भोगी
हम ही हैं
जो हरदम तोड़ रहे हैं प्रकृति के नियम एक दिन धरा पर सब कुछ हो जाएगा सर्वनाश
आओ हम सब मिलकर पर्यावरण को बचाए
घर और बाहर पेड़ लगाकर तन -मन
को सुखी बनाएं
फूल लगा हम सुगंध से हवा को महकाएं
आओ हम सब मिलकर धरती का श्रृंगार करें
घर आंगन में तुलसी को लगे लगाएं
घर के बाहर हो नीम , पीपल और बरगद
तो सब रोग मिट जाएंगे
जीवन स्वस्थ सुखी कर देंगे
अधिक वृष्टि और तूफानों से
मिट्टी सदा बचाएंगे
तभी अन्न और वनस्पति
हरा -भरा सब पाएंगे
करें हम सदा वृक्षारोपण
धरती का यह प्रथम पिता
इस वृक्ष देव को नमन करें
आओ हम सब मिलकर
पर्यावरण को बचाएं
आओ आज हम ये संकल्प लें
पर्यावरण को नष्ट होने से बचाएं
पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं
पर्यावरण अगर नहीं रहेगा सुरक्षित
सब कुछ हो जाएगा दूसरी दूषित
डॉ मीना कुमारी परिहार