
प्यार तो महसूस करने वाली एक अनुभूति है क्या इसे डिजिटल बनाया जा सकता हैं?
जी यही सवाल है मेरे और इसी सवालों का जवाब है मेरी आज की रचना पढ़ कर बताएगा की क्या मेने सही जवाब दिया हैं।
हाय शालू ; क्या कर रही हो?
एक सुंदर सी लड़की जींस और क्रॉप टॉप पहने कुर्सी पर बैठी लड़की के कंधे पर हाथ रखते हुए बोलती हैं। जिसका नाम नेहा हैं , शालू की पक्की सहेली।
शालू : कुछ नहीं बस कुछ लिखने की कोशिश कर रही थी सोचा कल राहुल का जन्मदिन है तो अपने मन की भावनाओं को शब्दों में पिरोकर उसे जन्मदिन की मुबारक बाद दूं।
नेहा: क्या कर रही हो ,शालू तुम भी ना एकदम बैक वर्ड हो, गूगल के डिजिटल जमाने में कहां ये बाबा आदम के जमाने के लेटर पैड लेकर बैठी हो।
अरे फोन खोलो जो भी चाहिए वो इसमें से अपलोड कर और भेज दो राहुल को । क्या तो यार…
शालू: क्या फोन में मेरे मन की भावनाएं होगी ?
नेहा: शालू आजकल का जमाना ही नहीं प्यार भी डिजिटल हो गया हैं, यहां मन की भावनाओं का कोई महत्व नहीं होता , यहां तो दिन में पचास साठ मैसेज भेजो , और इमोजी से अपनी फीलिंग भी बता दो। नहीं तो वीडियो कॉल कर लो , जब मर्जी हो , वो जमाना गया की खत में लिख कर भेजो की, खत से जी भरता ही नहीं अब नयन मिले तो चैन मिले, समझी मेरी भोली सखी।
शालू : नहीं समझी और न ही मुझे समझना है, प्यार एक अनुभूति है जिसे गुगल नहीं समझ सकता , तू ही बता क्या कोई सॉफ्ट वेयर फैंक्शन एक इंसान के दिल की भावनाएं समझ सकता हैं? ये जमाना चाहे कितना भी बदल गया हो , पर आज भी अगर सच्चा प्यार हो तो उसे देख कर दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं, आज भी उसके सामने आते ही लब सिल जाते हैं, आज भी पढ़ने वाले आंखों की भाषा भी पढ़ लेते हैं। प्यार कोई वीडियो कॉल या पचास साठ मैसेज भेज कर जाहिर नहीं किया जा सकता , प्यार तो बस महसूस किया जाता हैं। मैं नहीं मानती की प्यार डिजिटल हो गया हैं, क्योंकि प्यार एक ऐसी भावना है जो इंसान को एक अलग अनुभूति महसूस करवाता हैं। देख मुझे पता है की आज के जमाने में ये सब नॉर्मल बात हैं पर सोच आज में राहुल को अपने हाथों से मेरे मन की भावनाओं के साथ उसे जन्मदिन की मुबारक बाद दूंगी तो उसे कितना अच्छा महसूस होगा जब वो अकेले में मेरे लिखे शब्दों को पढ़ेगा और मुस्कुराएगा तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होगा उसे जब भी मेरी याद आयेगी वो मेरे लिखे शब्दों को पढ़ेगा, लेकिन क्या अगर में गूगल से कुछ भी सर्च करके उसको भेज दूंगी तो उसे वो महसूस होगा जो मेरे लिखे शब्दों से होगा , तो माई डियर फ्रेंड ये प्यार डिजिटल नहीं होता समझी।
नेहा: भाई ये मेरी समझ से तो परे है तू जाने तेरा प्यार जाने देख राहुल आ रहा हैं।
तभी उन दोनों के सामने एक स्मार्ट सा लड़का उनकी ही उम्र का आता है बड़े ही प्यार से हेलो बोलता हैं ।
नेहा : हैप्पी बर्थडे राहुल कैसे हो?
राहुल: थैंक यू नेहा , आई एम अब्सुलुटली फाइन, एण्ड यू?
नेहा: आई एम अल्सो फाइन , तुम दोनों बात करो मैं आती हूं । ऐसा बोल वह वहां से निकल जाती हैं।
अब राहुल और शालू एक दूसरे के आमने सामने होते हैं।
शालू: जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई राहुल ये मेरी तरफ से छोटा सा तोहफा , शायद तुम्हें पसंद आए।
राहुल: धन्यवाद, जरूर पसंद आएगा, देखूं तो क्या है?
शालू: जरूर
राहुल गिफ्ट के ऊपर लगे पेपर में पढ़ता हैं जिसमें कुछ लाइन लिखी होती हैं
जन्म दिन मुबारक हो तुम्हें इस कदर की जीवन का हर लम्हा खुशियों से भरा हो तेरा।
जीवन में हर पल सफलता ही पाओ तुम,
ये ही मेरी दुआ आज के दिन।
फिर गिफ्ट खोलता है जिसमें एक डायरी और पैन होता है ।
राहुल: wow शालू ये बहुत ही अच्छा गिफ्ट है तुम्हारा , तुम्हें पता है की मुझे लिखना कितना अच्छा लगता हैं , सच में तुम मेरी छोटी से छोटी आदत का ख्याल रखती हो क्यों करती हो इतना प्यार मुझसे जबकि मैं तो तुम्हें इतना कम समय दे पता हूं और न ही आजकल की तरह वीडियो कॉल करता हूं फिर भी तुम..
शालू बीच में ही बोल पड़ती है , मैं प्यार करती हूं तुम से , तुम्हारे दिल से, मेरे लिए यही काफी है की तुम भी मुझ से प्यार करते हो और मुझे क्या चाहिए। ये विडियो कॉल , पचास साठ मैसेज कर अपने बीच का जो आकर्षण है वो मुझे खत्म नहीं करना ।
ये दुनिया डिजिटल हुई है , हमारा प्यार नहीं ।
और दोनों एक दूसरे की आंखों में आंखें डाल थोड़ी देर बस अपने प्यार को महसूस करते है ,और एक दूसरे से विदा ले लेते हैं।
जय माता जी की
विद्या बाहेती महेश्वरी राजस्थान।