
वादा कर गया वो बैरी
वापस आने का ,
हमसे प्रीत करने का
साथ निभाने का
बरस कितने बीत गए
ना आया वो खुद
ना भेजा कोई संदेशा
कब आओगे कान्हा
अखियां तरस रही
देखने को मोहन तुम्हें
कब से ये बरस रही
रूठ गये हो हमसे
क्या हुई कोई खता हमसे
वादा किया था जो तुमने
क्या वो वादा आखिरी था
जो कर गए थे तुम
जन्म जन्म साथ निभाने का
बता दो कान्हा
कब आओगे
वादा अपना निभा जाओगे
एक बार तो कान्हा आ जाओ
प्रिया काम्बोज प्रिया
सहारनपुर उत्तर प्रदेश