
उत्तराखण्ड वासी हूँ, मैं योगेश गहतोड़ी,
जीवनसंगिनी शान्ती से सजी मेरी जोड़ी।
देवभूमि से नब्बे के दशक में जब चला,
दिल्ली में परिवार संग जीवन-पथ पला।
पिताजी थे बीर – साहस और दृढ़ता की शान,
हर कठिन राह पर दिया, उन्होंने संबल महान।
माँ पार्वती – स्नेहिल आंचल, ममता की छाँव,
उनकी सादगी को आज भी याद करता गाँव।
नमिता बिटिया – संस्कारों की प्यारी सौगात,
हंसा बिटिया – हँसी से महके हर दिन-रात।
जगजीवन बेटा – जग में बढ़ाए अपना नाम,
दीपक बेटा – शांति से करता है हर काम।
पैंतीस बरस आई.टी. का साधा पथ,
कार्य-समर्पण, श्रम और अनुभव रथ।
कभी HR, कभी Admin का था काम,
आज Fusion Finance में मेरा नाम।
ज्योतिष-विद्या का भी साधक हूँ मैं,
पिछले पच्चीस बरसों से पथिक हूँ मैं।
दुख-संताप जन-मन का हर ले जाता,
जीवन की राह में उजियारा दिखाता।
साहित्य सदा ही रहा आत्मा का प्राण,
कविता-लेखन से पाया मैंने सम्मान।
शब्दों में गूँजता है, आत्मा का स्वर,
सेवा की ध्वनि बहती है,अंतर भर।
मुझे तीन धाराएँ जीवन में एक साथ मिलीं,
आई.टी., ज्योतिष, कविता संग खिलीं।
अनुभव, ज्ञान, सृजन का है अनुपम रंग,
यही है मेरे इस जीवन का मेरा सच्चा ढंग।
जग में साधना से मैंने जीवन सँवारा,
कर्तव्य-पथ ही है एक आधार हमारा।
परिश्रम, प्रज्ञा और श्रद्धा का साथ,
कर्म ही मेरा सत्य और जीवन-पथ।
हर अनुभव से ही मैंने सीख जुटाई,
जीवन में आत्मा की गहराई मैंने पाई।
मानवता का दीप जलाना है काम,
यही है जीवन का मेरा असली धाम।
कलम, गणना और कर्म की रेख,
इनसे ही बना मैंने जीवन का लेख।
सेवा, सृजन और विज्ञान का मेल,
यही है मेरे जीवन का सच्चा खेल।
योगेश गहतोड़ी