
आज का दिन मेरे लिए अत्यन्त भावनात्मक और स्मरणीय है। साहित्यिक सचेतना के संस्थापक आदरणीय नरेंद्र रावत ‘नरेन’ जी तथा राष्ट्रीय सचिव एवं स्वास्तिक पत्रिका की संपादिका आदरणीया प्रीति डिमरी ‘प्रीत’ जी सहित संपूर्ण साहित्यिक सचेतना परिवार ने मुझे राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी के उत्तरदायित्व से सुशोभित किया। इससे पूर्व मैं राष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य के रूप में सेवा कर रहा हूँ। इन दोनों दायित्वों के योग्य समझा जाना मेरे लिए केवल सम्मान ही नहीं, बल्कि जीवन की अनमोल निधि है, जिसे मैं सदैव अपने हृदय में संजोकर रखूँगा।
आज साहित्यिक सचेतना परिवार ने मुझे एक कवि एवं लेखक के रूप में उपनाम “यश” से सुशोभित किया है। जिसके साथ अब मेरा नाम योगेश गहतोड़ी ‘यश’ के रूप में जाना जाएगा। यह केवल नाम नहीं, बल्कि एक आशीष है, एक दायित्व है।
इस नाम की गरिमा को निभाने हेतु मेरा संकल्प है कि मैं अपना, अपने साहित्यिक परिवार का और सम्पूर्ण हिन्दी साहित्य का यश विश्व के कोने-कोने तक पहुँचाने में निरन्तर प्रयत्नशील रहूँगा। इस अनुपम उपहार के लिए मैं अपनी आत्मा की गहराइयों से साहित्यिक सचेतना परिवार का हृदयपूर्वक आभार प्रकट करता हूँ।
साहित्यिक सचेतना परिवार द्वारा प्रदान किया गया स्नेह और विश्वास मेरी सबसे बड़ी पूँजी है। यह मेरे जीवन की अमूल्य धरोहर है, जिसे मैं हर पल अपने हृदय में सँजोए रखूँगा। आपके सतत् स्नेह, सहयोग और आशीर्वाद के लिए मैं अपनी ओर से हृदय की गहराइयों से हार्दिक धन्यवाद एवं कृतज्ञता अर्पित करता हूँ।
योगेश गहतोड़ी ‘यश’