
🌸 हिंदी गंगा सी है धारा 🌸
👇 (१)👇
भारत माँ की प्यारी भाषा,
सबके मन को देती आशा।
मीठे बोलों का यह सहारा,
हिंदी गंगा सी है धारा।
👇 (२)👇
गंगा जैसी पावन नदिया,
वैसी हिंदी अनुपम विद्या।
भारत माँ का गर्व हमारा,
हिंदी गंगा सी है धारा।
👇 (३)👇
यह माँ के जैसी ममता लाए,
पिता के जैसा स्नेह दिलाए।
प्रेम-भक्ति का है पसारा,
हिंदी गंगा सी है धारा।
👇 (४)👇
गाँव-गाँव में, शहर-शहर,
हिंदी भाषा बाँटे प्रेम अमर।
दिल से दिल को दे सहारा,
हिंदी गंगा सी है धारा।
👇 (५)👇
विद्या का पहला है दरवाज़ा,
ज्ञान का सबसे मीठा साज़ा।
जीवन में भर दे, जो उजियारा,
हिंदी गंगा सी है धारा।
👇 (६)👇
मिल-जुलकर सबको सिखाती,
प्यार-दोस्ती की राह दिखाती।
एकता का है, यह सुंदर नज़ारा,
हिंदी गंगा सी है धारा।
(७)
बच्चों की प्यारी है बोली,
बुज़ुर्गों की जीवन डोली।
भारत माँ का मीठा नारा,
हिंदी गंगा सी है धारा।
(८)
विश्व में हिंदी का है मान,
भारत का यह गौरव-गान।
संस्कृति का सच्चा सहारा,
हिंदी गंगा सी है धारा।
हिंदी है, हमारी पहचान,
संस्कृति और सम्मान की जान।
विश्व में गूँजे भारत का नारा,
हिंदी गंगा सी है धारा।”
योगेश गहतोड़ी ‘यश’