
हृदय मध्य उमड़ते सच की आवाज को
कभी भी दबाना नहीं चाहिए।
सच तो सच है, उसे कभी डर
नहीं होना चाहिए।
झूठ के विरुद्ध खड़ा होने के लिए
” सत्य की जीत होगी”,यह विश्वास होना चाहिए।
सत्य की राह हमेशा ही संघर्ष पूर्ण रही है,
दृढ़ विश्वास के साथ चेहरे पर
मुस्कान होना चाहिए।
आज समय यही लगाए हैं आस,
झूठ का अवश्य करो पर्दाफाश।
” बस जागो, उठो और तब तक न रुको,जब तक आदर्श प्राप्ति ना हो जाए। “
सुलेखा चटर्जी