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शिक्षक की भूमिका

पेड़ों की जड़ों को पानी दे,
वो शिक्षक है।
जीवन में चलने का मार्ग बताये,
वो शिक्षक है।

टूटती हुई साख को,
पानी का भरोसा है,
खिलती हुई धूप को,
आसमां का भरोसा है।

शिक्षा का सही मूल्य मैंने,
गुरुजनों से सीखा है।
बुद्ध का वो माध्यम मार्ग,
मैंने अपनाया है।

स्पर्श गुरु का मिलते ही मैं,
अ से ज्ञ को सीख लिया,
और संस्कृति संस्कार में,
परम्परा में निभा गया।

गुरु का मान हमेशा ऊंचा,
सपना मेरा पूरा होगा।
उस दिन सही मूल्य में,
शिक्षा मेरी सार्थक होगी।

गिरने से सन्तुलन सीखाये,
वो शिक्षक है।
जीवन में चलने का मार्ग बताये,
वो शिक्षक है।

नीतू धाकड़ अम्बर नरसिंहगढ़ मध्यप्रदेश

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