
उपमा अलंकार:
सूरज-सी उजली, चाँद-सी निराली है हिंदी,
मधुबन-सी सुवास, अमृत की प्याली है हिंदी।
रूपक अलंकार:
हृदय की धड़कन, जीवन की कांति है हिंदी,
भारत की आत्मा, संस्कृति की शांति है हिंदी।
अनुप्रास अलंकार:
मीठे मधुर मनोहर, मन में गूँजती हिंदी,
सपनों को संजोए, सदा मुस्कुराती हिंदी।
मानवीकरण (पुरुषोक्ति) अलंकार:
दु:ख में दिलासा दे, आँसू सुखाती है हिंदी,
खुशियों के सुर में, गीत सुनाती है हिंदी।
अतिशयोक्ति अलंकार:
धरती से गगन तक, गूँजती वाणी है हिंदी,
युग-युग से अमर, अमर कहानी है हिंदी।
विरोधाभास अलंकार:
मिट्टी-सी सादी, पर रत्नों-सी झिलमिल है हिंदी,
छोटे से शब्द में, जग का विशाल दिल है हिंदी।
योगेश गहतोड़ी “यश”