
जी हां
खलबली मची है दिलों
के भीतर,
पर मामला कुछ और है।।
साहूकार ही बन बैठा है
आज चोर यहां
जरा समझ
जाओ दुनिया वालो
यहां मामला कुछ और है।।
गिनती के दौरान पता
लगा है पैसा ही
पूजा जाता है
मंदिरों में चढ़ रहा है
भर भर चढ़ावा
पर यहां मामला
कुछ और है।।
ईमानदारी रो रही है
बेईमानी के इस दौर में
कीमत तो लग रही है
कलम की आज भी
पर मामला कुछ और है।।
डॉ.नीरज कुमार “नीर “
इटारसी