
हो मीठी वाणी सहज और सुंदर,
मन को हर्षित करने वाली।
भाव विभोर हो शीतल पावन ,
वाणी से,
नियमित बोलिये प्रेम की वाणी।
मधुर गुंजन और मधुर वाणी से ,
तुम सबको प्रफुल्लित करो।
हो मीठी वाणी सहज और सुंदर,
मन को हर्षित करने वाली।
व्यवहारों में दिखती वाणी,
शब्दों में तेरे मिठास।
हो ऐसी मधुर कोयल सी वाणी,
मंत्रमुग्ध कर सबको खुश।
हो मीठी वाणी सहज और सुंदर,
मन को हर्षित करने वाली।
लेखिका कवि-नीतू धाकड़ अम्बर