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वो अननोन नम्बर

रात के 2 बजे फोन रिंग हुआ , देखा तो कोई नम्बर थे, सोचा किसीने ने गलती से कर दिया होगा । जैसे ही फोन को साइड में रखा । फोन फिर से रिंग होने लगा, देखा तो वही नम्बर थे । सोचा किसके नम्बर है, लेकिन दिमाग पर काफी जोर डालने के बाद भी पता नहीं चला कि नम्बर किसके हैं ? तभी फोन बंद हो गया । उठकर फोन को चार्ज लगाया सोचा इतनी रात जरूर कोई जरूरी काम के लिए ही फोन किया होगा।
लेकिन जब वापिस कॉल बेक किया तो नंबर बंद आ रहे थे। दो तीन बार कोशिश करने के बाद फोन को वहीं चार्ज लगा कर, बेड पर आकर लेट गई और सोचती रही कि किसके नम्बर हो सकते , इतनी रात को मुझे किसने फोन किया होगा ,? जब मन ज्यादा बेचैन होने लगा तो फिर उठकर फोन लगाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दोबारा आकर बेड पर लेट गई , एक अननोन नम्बर ने मेरी नींद ही गायब कर दी थी ।
सुबह तक न जाने कितनी ही बार मैने उस नंबर पर कॉल किया लेकिन फोन एक बार भी नहीं लगा ।
पूरी रात नहीं सोने की वजह से सर भारी होने लगा सोचा कॉफी पी लेती हूं थोड़ा रिलेक्स महसूस होगा।
कॉफी का मग ले आंगन में लगे सोफे पर बैठ अखबार में नजर दौड़ाने लगी तभी एक खबर पर जाकर मेरी आँखें रुक गई लिखा था, ” पकड़ा गया वो अपराधी जो रात को अकेली लड़कियों को फोन कर उन्हें परेशान किया करता था।” अब मेरा मन घबराने लगा जल्दी से उस रात वाले अननोन नम्बर को ब्लॉक किया। जैसे तैसे दिन तो बीत गया लेकिन जैसे ही रात हुई मेरी घबराहट बढ़ने लगी। कितनी ही बार अपने आपको समझाया कि अब वो पकड़ा गया हैं , हो सकता है जो कॉल रात को आया था वो कोई ऐसे ही होगा जरूरी थोड़ी है कि ये उसी का हो ऐसे कितनी ही दलीलें मैने अपने आप को ही दी लेकिन फिर भी मुझे थोड़ा डर लग रहा था। आज भी नींद मेरी आंखों से दूर ही थी रह– रह वही खबर याद आ रही थी , कि अचानक मेरा फोन रिंग हुआ और मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी मैने फोन तो उठाया लेकिन बोली कुछ नहीं तभी दूसरी ओर से आवाज आई, ” हेलो, हैलो कोई हैं?” आवाज एक लड़के की थी बहुत ही अजीब मदहोशी सी, दिल को छू लेने वाली
। ऐसी आवाज सुन मैं भी बोल पड़ी , “हैलो कौन?”
दूसरी ओर से आवाज आई, “कैसी हो? पहचाना नहीं मुझे”। जैसे ही ये सुना मैं अपने दिमाग के घोड़े दौड़ने लगी कि ऐसी आवाज किसकी हो सकती हैं लेकिन मुझे ऐसा कोई व्यक्ति याद नहीं आया जिसकी आवाज फोन वाली आवाज से मिल सके ।
“नहीं , मैने नहीं पहचाना आप ही बता दो आप कौन बोल रहे हो?” शांत लहजे में मेने बोला।
“कोई बात नहीं अगर नहीं पहचाना तो थैंक्स  मुझे नहीं पहचानने के लिए।” उस अननोन नम्बर से आवाज आई। इतना बोल फोन कट कर दिया ।
अब मुझे ऐसे लगना लगा कि ये कोई मेरे पहचान वाला ही होगा शायद मेरे साथ मस्ती कर रहा हैं। मैने कॉल किया तो फोन बंद आ रहा था। अब मैं सोचने लगी कि ये कौन व्यक्ति हो सकता हैं । न जाने कितने ही दोस्तों, भाइयों और रिश्तेदारों के बारे में सोच लिया था। लेकिन पक्का यकीन एक पर भी न हुआ। आज फिर इस उलझन में नींद अधूरी ही रह गई। आज सर के साथ हाथ पांव में भी दर्द होने लगा था, बहुत ही सुस्ती लग रही थी। उठी और कॉफी बनाई और पीकर अपने काम में लग गई , आज किसी काम में मेरा अच्छे से मन नहीं लग रहा था, रह रह कर उसी अननोन नम्बर का ख्याल आ रहा था।
अब मुझे रात का इंतजार था , आज फिर कॉल आया मैने एक ही रिंग में फोन उठा लिया जैसे मैं उसी कॉल के इंतजार में थी, और ये बात सही भी थी।
“अरे! वाह एक रिंग में ही कॉल उठा लिया , क्या मेरे ही कॉल का इंतजार कर रही थी।” फोन से आवाज आई।
नहीं मैं क्यों आपके कॉल का इंतजार करूं, जब मुझे पता ही नहीं आप कौन हों? मैने सामान्य तरीके से बोला।
जानती तो तुम हो मुझे, बस पहचान नहीं रही कोई बात नहीं जिस दिन पहचान लोगी वह दिन मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन होगा। चलो छोड़ो आज तुम्हारी आवाज कुछ थकी हुई सी लग रही हैं क्या हुआ तबियत ठीक नहीं है क्या? बहुत ही चिंताजनक तरीके से पूछा उस अननोन नम्बर वाले ने, जैसे कोई अपना बहुत ही करीबी पूछता हैं।
नहीं ऐसे कोई बात नहीं हैं मैं ठीक हूं बिल्कुल। मैने पता नहीं क्यों उसकी बात का जवाब दिया।

चलो तुम कहती हो तो मान लेता हूं, लेकिन अपना ख्याल रखना बाय। ये बात बोल उसने फोन काट दिया।
लेकिन मैं चाहती थी कि वो मुझसे और बात करे। मेने कॉल किया तो फोन बंद आ रहा था। मेने फोन को साइड में रखा और एक मुस्कान लिए सो गई।
अब मुझे उसके फोन आने का इंतजार रहने लगा , क्यों ये नहीं समझ आ रहा था। मैं उसे जानती तक नहीं थी फिर भी उससे बात कर रही थी पता नहीं मुझे क्या हो गया था।
कुछ दिन ऐसे ही थोड़ी बहुत बाते कर बीत गए ।

अब मैं पूरा दिन यही सोचती रहती कि जब कॉल आएगा तो मैं क्या बात करूंगी , क्या बताऊंगी और भी न जाने क्या क्या, इस वजह से मैं अपने काम पर ध्यान नहीं दे पा रही थी। अब बातों का समय बढ़ गया था लगभग पूरी रात मैं उससे बाते करने लगी जिससे मेरी नींद पूरी नहीं होती और दिन भर थकी थकी सी रहती । उसका मेरी चिंता करना, हर छोटी बात पर परेशान होना मुझे अच्छा लगने लगा। मेरा काम के प्रति रुझान कम हो गया नींद पूरी नहीं होने के कारण मुझे भूख भी कम लगने लगी , लेकिन मेने इन सब बातों पर ध्यान नहीं दिया अब जैसे जैसे समय बीत रहा था हमारी बातों का समय भी बढ़ रहा था अब मुझे जब भी वक्त मिलता में उससे चैटिंग करने लगती हर वक्त मेरे फोन स्क्रीन पर बस अननोन नाम ही फ्लैश होता रहता। मैने उसके नंबर इसी नाम से सेव कर लिए थे। हालांकि मेने उससे उसका नाम भी पूछा था , और उसने मुझे अपना नाम आलोक बताया था। अब मैं अपने दोस्तों और घरवालों से कम ही बात करती थी । जो लड़की सबके साथ रहना पसंद करती थी , सबकी मदद करने हमेशा आगे रहती अब उसे किसी से कोई मतलब नहीं रहा यहां तक कि अपने माता पिता का भी ख्याल न रहता।  एक दिन मेरी कलिंग ने मुझसे पूछा भी कि तुम्हें क्या हुआ है तुम इतनी बदल कैसे गई, और आजकल काम में भी तेरा मन नहीं लगता क्या हुआ हैं तुम्हें?
मैने भी उसे भाव न देते हुए बस इतना ही कहा कि कुछ नहीं हुआ ।
लेकिन सच तो ये था कि मैं बहुत बदल गई थी एक अननोन नम्बर मुझ पर बहुत हावी हो गया था । जब तक मुझे ये बात समझ आई तब तक बहुत देर हो चुकी थी मेरे काम के प्रति मेरी लापरवाही , और बार बार कहने पर भी काम का पूरा न होना मेरे बॉस को पसंद नहीं आया और उन्होंने मुझे काम से निकाल दिया। अब मेरा जॉब मेरे पास नहीं था और न जाने कितनी ही रातों को न सोने की वजह से मैं बहुत बीमार रहने लगी। मेरी मम्मी ने कहा कि तबियत ठीक नहीं है तो हमारे पास आ जा ठीक हो जाएगी।
उनके कहने पर चली तो गई लेकिन वहां पर भी मैं तन्हाई को खोजती । एक रात मेरे भाई ने मुझे फोन पर बात करते हुए सुन लिया और उसने पूरी बातें रिकॉर्ड कर ली । उसने चुपके से मेरे फोन से वो नंबर लिए और पूरी जांच करने में लगा गया , जांच करने पर पता चला कि ये नंबर किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि एक आवारा लड़कों के गैंग का हैं जिसमें हर लड़का एक ही आवाज में बात करता हैं और हर कॉल को रिकॉर्ड करता हैं ताकि वो फिर लड़की को परेशान कर सके। मेरे भाई ने पूरी जानकारी हासिल करने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। उसने मुझे कई अलग अलग तरीकों से समझाया लेकिन मुझे तो आदत हो गई थी उस मदहोशी सी दिल छू लेने वाली आवाज को सुनने की मैं लगभग पागल जैसे ही हो गई मेरे भाई ने एक अच्छे साइट्रिक की मदद से मुझे सही रहा दिखाने का फैसला किया। लेकिन आज तक भी मैं पूरी तरह से ठीक नहीं हुई एक अननोन नम्बर ने मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी।
मेरी जॉब चली गई , मुझे शारीरिक और मानसिक तौर पर बहुत नुकसान हुआ , लगभग उस अननोन नंबर ने मुझे अपाहिज बना दिया । अब पछता रही हूं कि काश उस दिन काल पर बात नहीं की होती । लेकिन अब पछताए क्या हो ? अगर मेरा भाई मुझे नहीं बचता तो शायद आज मैं भी टुकड़ों में बिखरी पड़ी मिलती किसी सड़क किनारे।
मेरे साथ जो हुआ वो मेरी गलती थी, लेकिन चाहती हूं कि मेरी ये गलती दूसरा कोई न दोहराए ।

समाप्त
जय माता जी की
विद्या बाहेती महेश्वरी राजस्थान

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