
मित्र - मौन की दास्तान,
मित्रता - खामोशी का मुकाम।
मित्र - प्रेम का नाम,
मित्रता - जीवन के नाम।
मित्र - विस्मृत हो न जाएं,
चलो ! आज मिल कर आएं।
मित्रता के नाम कुछ पल हो जाएं।
मित्रता के नाम कुछ पल हो जाएं।।
संध्या दीक्षित