
आज मित्रता दिवस पर्व है,
प्यारे बच्चों! आओ पास।
जीवन में जो बहुत जरुरी,
तुम्हें बताऊँ बेहद खास।।
अभी से जानो, छोटे हो तुम,
दोस्त बनाओ तुम अच्छे।
जो सद्गुण सम्पन्न हृदय से,
वे ही होते हैं सच्चे।।
मित्र दिवस है आज,आज ये,
सपथ लीजिए, कहिए सब।
जिसको मित्र बनायेंगे हम,
साथ न छोड़ेंगे हम अब।।
चाहें कितने सुख के दिन हों,
उसे नहीं भूलेंगे हम।
कितने ही अमीर बन जायें,
दु:ख में मदद करेंगे हम।।
है गवाह इतिहास साक्षी,
करें मित्र संग धोखा जो।
पछताया, जीवन से धोया,
हाथ, अकेला रोया वो।।
जग के प्राणी सभी मित्र हैं,
एक सभी इसकी सन्तान।
फिर क्यों एक नहीं हैं प्राणी,
बुद्धिहीन, बनता नादान।।
रचना-
पं० जुगल किशोर त्रिपाठी (साहित्यकार)
बम्हौरी, मऊरानीपुर, झाँसी (उ०प्र०)