
अतरंगी, सतरंगी, चाहे कहो रंग-बिरंगी,
अपना देश है ऐसा, जैसे आसमान तिरंगा।
दुश्मन थर-थर काँपता, सुन के नाम तिरंगा,
सीना चौड़ा हो जाता, जब देखूँ आकाश तिरंगा।
कितना सुंदर, कितना शांत, मन को खूब है भाता,
वीरों की याद दिलाता, भगवा रंग तिरंगा।
हरा रंग खेतों-सा लहराता, प्रकृति खूब लुभाता,
सफेद है अपने हिंद-सा, सबको गले लगाता।
सफेद, हरा या हो भगवा, पर चक्र का रंग निराला है,
वीरता और बलिदान याद दिलाता, जब लहराता तिरंगा।
आर एस लॉस्टम