Uncategorized
Trending

राखी भाई बहन का प्यार

बांधकर कलाई पर वचनमोली
रक्षा का कवच लेती सुखद दुआएं देती
परम्परा ये पुराणों से चली आई
भाई ने सदा बहन की लाज बचाई।

सुंदर सहज सरल प्रेम का नाता
श्रावणी से बंधा भाई बहन का धागा
तिलक लगाती मंगल कामना करती
बदले में रक्षा का वचन वो पाती।

नहीं कोई लेन देन का प्रचलन
नहीं कोई उपहारों का विनिमय
हो गया क्यों आज दिखावे का आडंबर
क्यों भाई बहन का प्यार तोहफों पे आश्रित।

होता सहोदरा का आगमन भर मन उत्साह
देख वीर की रुखाई होती वो पराई
डबडबाए नयन अश्रुओं से गला जाता रूंध
पलट जाती दे दुआएं सदा रहे सुखद ये आंगन तात।

देता सामर्थ्य से अतिशय भगनी पे वारता निज मन
कहां संतुष्टि पाती वो बहन जो बहुमूल्य पत्थरों में रहती
दिया जो भाई ने बस कीमत ही तो तोलती
भाई भावज का मन कहां टटोलती।

हे अरदास विद्या राखी भाई बहन के प्रेम का नाता
मत पहनाओं इसे कोई दिखावे का जामा
ये त्यौहार प्रेम रक्षा दुआओं का समा
सदियों से चली परंपरा निक स्वार्थ आधुनिकता मत नाम पहना।

जय माता जी की
विद्या बाहेती महेश्वरी राजस्थान।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *