
राखी अगर बांध भी दूं तो क्या दोगे मुझे
पैसा दौलत हीरे मोती और क्या दोगे मुझे
नहीं देना ये सब बस देना एक उपहार
बताऊं तभी गर तुम्हें दिल से हो स्वीकार
प्यार करते हो तो हमसे बस रखना इतना ध्यान
राह मिले जब भी कोई लड़की देना उसको सम्मान
बहन मैं ही नहीं अकेली है वो भी जिनके नहीं होता भाई पास
रात हो दिन हो जब हो अकेली घर तक देना साथ
राखी का मोल है क्या ये समझना होगा
भाई बहन का रिश्ता प्यार से निभाना होगा
नारी हो जाएं जिस दिन सुरक्षित सच्चा उपहार होगा
हर नारी को पुरुषों पर फिर अटूट विश्वास होगा
थोड़ी तो इंसानियत रखना
हर नारी का सम्मान है करना
मत काटो मत रौंदो दर्द आत्मा पर होता है
बलात्कार एक बार नहीं मरने पर हजार बार होता है
मिल जाएं बहनों को मान सम्मान कुछ ओर ना चाहिए
राखी के त्यौहार का बस ये उपहार हम बहनों को चाहिए
प्रिया काम्बोज प्रिया
सहारनपुर उत्तर प्रदेश