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  • थोड़ा सा इश्क़ करें क्या?

    रूपेश सिंह लॉस्टम थोड़ा सा इश्क़ करें क्या,ये छोटा-सा रिस्क़ लें क्या? दिल में छुपा के रखूंगा,दुनिया वालों से बचा…

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  • विहान

    मैंने देखा एक ख्वाब है—सज्जित नव ज्ञान सेआया नव विहान है।भूल भ्रांति या विचलननाम ना निशान है!मैंने देखा एक ख्वाब…

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  • संकेत

                    सूर्योदय संकेत है जागृति का,सूर्यास्त संकेत है विश्राम का,     संकेत है हरि नाम का।  विस्मृति हुई जो हर प्रहर,      स्मृति का…

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  • सरस छंद पर आधारित पद्य”नफ़रत”

    1.नफ़रत की आँधी जब चलती, सबका चैन उड़ाती है, मन को काले रंगों से ये, भीतर तक गहराती है। प्रीति-प्यार की बगिया…

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  • पतझड़ — तुकबंदी अंताक्षरी

    पतझड़* सी ये पतझार जिंदगी मेरीबनके बसंत बहार तुम जो आ जाओ जिंदगी*ये हो जाएगी सतरंगी मेरीबनके इंद्रधनुषी रंग तुम…

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  • क्या आज हमारे तीज त्यौहार श्रद्धा से ज्यादा खर्चीले व दिखावटी हो गए हैं..?

    “देखो आज सब कुछ बदल गया हैप्रमुख त्यौहार अपनी रंगत खोते जा रहा हैत्योहार सिर्फ औपचारिकताएं निभाने के लिए मनाये…

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  • विडंबना

    चर्चा सरेआम हो रही है, भइया कच्चे आम हो रहे हैं,खट्टी-मीठी, तीखी-फीकी बातों से जनता को बहला रहे हैं। लगता…

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  • तांडव प्रकृति का

    अलसाई सी.. है धरा..मुरझाई सी… है हवा..है, करुण वेदन यह,कैसा, धरा पर…है, मातम सा मचा।क्रुध क्यों है, प्रकृति…यह कैसा…. शोर…

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  • खोजें शीघ्र निदान

    विकट समस्या जनसंख्या का,खोजें शीघ्र निदान !संभले नहीं अगर जो हम-सब,होंगे धूसरित अरमान !! सोचें समझें जागें अब तो,वर्ना हम…

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  • आलेख – पठन

    प्रस्तावनापठन, अर्थात् पढ़ना — यह केवल शाब्दिक अर्थ ग्रहण करने की क्रिया नहीं, बल्कि ज्ञान को आत्मसात् करने और बुद्धि…

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