
गरिमा ए गणतंत्र पर,
हमें गर्व है आज!
चाय वाला बन गया,
भारत का सरताज!!
सच्चे अच्छों को चुने,
हो नीयत जिनका नेक!
इसे बचाना है हमें,
जन गण मन जगे विवेक !!
सोच समझ कर ही देना,
है अपना अब वोट!
लालच में आकर कहीं,
बेच न देना वोट!!
वंशवाद के दलदल से,
राजनीति को मुक्त कराएं!
ध्यान रहे बस इतना अब,
सम अवसर सब पाएं !!
आने वाले कल में होंगे,
“जिज्ञासु” जन सरताज!
गरिमा ए गणतंत्र पर,
हमें गर्व है आज!!
कमलेश विष्णु सिंह “जिज्ञासु”