
मेरे पापा
आपका वजूद मेरा सुकून है,
आपका साथ एक खुशनुमा एहसास।
आपकी खामोशी भी कहे बहुत कुछ,
पापा आप मेरे लिए बहुत हो खास।।
हर मुश्किल में हिम्मत देते,
मेरा स्वाभिमान हैं आप।
मायका मेरा रोशन आपसे,
सारे घर की शान हो आप।।
परिवार को जो रखे जोड़कर,
वह मजबूत कड़ी हो आप।
मेरे आने की बाट जोहते,
मम्मी के बाद सिर्फ हैं आप।।
जब आती हूं पास आपके,
मां से बेटी बन जाती हूं।
उम्र को अपनी ताक पे रखकर,
फिर बचपन जी लेती हूं।
डॉ. दीप्ति खरे
मंडला (मध्य प्रदेश)