
काॅंवरियों का काॅंवर यात्रा ,
औ सावन का बरसात हो ।
हो जाए भोले बाबा दर्शन ,
जीवन का शुभ प्रात हो ।।
संशय विघ्न बाधा जो घेरा ,
उसका जीवन से नाश हो ।
मुख में भक्ति भगवद्भजन ,
तन मन भगवद वास हो ।।
मात पिता गुरु मित्र बन्धु ,
आप ही से सारे ये नात हो ।
जीवन के हों जितने दुर्गुण ,
सबका जीवन से मात हो ।।
भाग्य मेरा ये सौभाग्य बने ,
सज्जनवृंद से मुलाकात हो ।
सबसे बने ये पावन रिश्ते ,
नहीं किसी से कोई घात हो ।।
नहीं कोई डाल डाल चले ,
नहीं कोई चलता ये पात हो ।
सबसे हो अपनापन रिश्ते ,
प्रेम व्यवहार से सारी बात हो ।।
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )
बिहार ।