
सावन मास, पुर्णिमा पावन,
रक्षाबंधन का त्यौहार !
छुपा हुआ सदियों से इसमे,
निश्छल भाई- बहन का प्यार!!
करे प्रार्थना प्रभु से बहना,
सुख, समृद्धि, सदा हो मंगल!
जीवन,वो जिए हजारों साल,
निश्छल भाई-बहन का प्यार!
निर्भय रहो सदा ही बहना,
वचनबद्ध होता है भाई !
आंख उठाकर देख न पाए,
कोई भी आताताई !!
रेशम के कच्चे धागों में,
स्नेह, शक्ति का अद्भुत सार!
मना रहे सब ‘जिज्ञासु’ जन,
रक्षाबंधन का त्यौहार!!
निश्छल भाई-बहन का प्यार!
निश्छल भाई-बहन का प्यार!
कमलेश विष्णु सिंह ‘जिज्ञासु’