
केसरिया रंग रंगद माई,
पगड़ी हमार हो!
देशवा के खातिर जुड़े,
नेहिया के तार हो!!
केसरिया रंग रंगद माई,
चुनरी हमार हो!
देशवा के खातिर जीयस,
ललना हमार हो!!
देशवा के खातिर जुड़े
निहिया के तार हो!
देशवा के समर्पित हऊंवै,
चारो ललनवां!
एक त किसान दूजे ,
सेना के जवनवां!!
तीसरे उद्यमी करें ,
अर्थ से निहाल हो!
चउथे विज्ञानी करें ,
शोध से सिंगार हो!!
ऊंच-नीच छूआ-छूत के,
कोढ़वा भगईबै!
शिक्षा स्वास्थ्य सेवा के ,
सद्बुद्धिया जगईबै!!
भ्रष्टाचारी भगिहैं छोड़ी के,
देशवा हमार हो!
देशवा के खातिर जुड़े
नेहिया के तार हो!!
चोरी घूसखोरी बेईमानी
के मिटईबै!
देशवा के अपने हमत
स्वर्ग बनईबै!!
लहरी ‘जिज्ञासु’ राम राज
दरबार हो!
देशवा के खातिर जुड़े ,
नेहिया के तार हो!!
केसरिया रंग रंगद माई,
पगड़ी हमार हो!
केसरिया रंग रंगद माई,
चुनरी हमार हो!!
देशवा के खातिर जीयस,
ललना हमार हो !
देशवा के खातिर जुड़े ,
नेहिया के तार हो!!
कमलेश विष्णु सिंह “जिज्ञासु”