स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सरायमोहन में वनवासी बच्चों के बीच मिठाई और स्कूल ड्रेस का वितरण

आजमगढ़ (ठेकमा) 15 अगस्त 2025: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सरायमोहन स्थित बीर बिरसा मुंडा मानव संसाधन केंद्र पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आदिवासी और वनवासी समुदाय के सैकड़ों बच्चों के बीच मिठाई और स्कूल ड्रेस का वितरण किया गया, जिसने स्वतंत्रता दिवस के उत्सव को और भी यादगार बना दिया।
कार्यक्रम में ब्लॉक मिशन प्रबंधक डॉ. अभिषेक कुमार और उमंग प्रेरणा महिला संकुल स्तरीय संघ की कोषाध्यक्ष मंजू कश्यप ने मुख्य रूप से भाग लिया। दोनों ने मिलकर बच्चों के चेहरों पर खुशी बिखेरने का प्रयास किया। इस अवसर पर बच्चों को न केवल मिठाई और स्कूल ड्रेस वितरित की गई, बल्कि उनके साथ स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व
यह आयोजन न केवल स्वतंत्रता दिवस के उत्सव का हिस्सा था, बल्कि इसका उद्देश्य वनवासी और आदिवासी समुदाय के बच्चों को शिक्षा और सामाजिक विकास के प्रति प्रोत्साहित करना भी था। स्कूल ड्रेस का वितरण बच्चों में स्कूल जाने की रुचि को बढ़ाने और उनकी शैक्षिक यात्रा को समर्थन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मिठाई वितरण ने बच्चों के बीच उत्सव का माहौल बनाया और उन्हें सामुदायिक एकजुटता का अनुभव कराया।
बच्चों और समुदाय की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में शामिल बच्चों के चेहरों पर खुशी और उत्साह साफ झलक रहा था। नई स्कूल ड्रेस और मिठाई पाकर बच्चे उत्साहित थे और उन्होंने अपने-अपने तरीके से खुशी व्यक्त की। स्थानीय समुदाय ने भी इस पहल की सराहना की और इसे सामाजिक समावेशन और बच्चों के कल्याण की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास बताया।
नेतृत्व की भूमिका
डॉ. अभिषेक कुमार ने इस अवसर पर कहा, “स्वतंत्रता का असली अर्थ है कि समाज का हर वर्ग, विशेष रूप से वंचित समुदाय, विकास और शिक्षा के अवसरों से जुड़े। हमारा प्रयास है कि इन बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित किया जाए।” वहीं, मंजू कश्यप ने जोड़ा, “महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए हमारी संस्था प्रतिबद्ध है। इस तरह के आयोजन न केवल बच्चों के लिए खुशी का मौका हैं, बल्कि सामुदायिक एकता को भी मजबूत करते हैं।”
आगे की योजनाएं
बीर बिरसा मुंडा मानव संसाधन केंद्र और उमंग प्रेरणा महिला संकुल स्तरीय संघ ने भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों को जारी रखने की योजना बनाई है। इन पहलों का लक्ष्य वनवासी और आदिवासी समुदाय के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास के क्षेत्र में समर्थन प्रदान करना है।
इस कार्यक्रम ने न केवल स्वतंत्रता दिवस के उत्सव को सामुदायिक स्तर पर जीवंत किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि छोटे-छोटे प्रयास समाज में बड़े बदलाव ला सकते हैं। यह आयोजन बच्चों के लिए एक प्रेरणा और समुदाय के लिए एकता का प्रतीक बना।