
रंग बिखरे हैं कई तब जाकर
आजादी का रंग पाया है ।
शोणित हुई थी धरा पाने को आजादी
अनेक वीरों ने अपना लहू बहाया है।
स्वाधीनता संग्राम में दी हैं,
हमने सैकड़ो कुर्बानियां ।
शौर्य गाथा उन शहीदों की,
हैं अब अपनी निशानियां।
आजादी के रंग को हमने,
तीन रंगों में अपनाया है।
लाल किले की प्राचीर से,
जब यह तिरंगा फहराया है।
केसरिया रंग परिचायक अपने,
शहीदों के बलिदान और त्याग का।
सफेद रंग देता संदेश सब ओर,
सत्य, स्वच्छता, और शांति का।
हरा रंग देश की खुशहाली,
और समृद्धि को दर्शाता है।
मध्य स्थित नीला चक्र सदा
प्रगतिशील रहना सिखाता है।
एक ध्वज के तले रहे,
सुरक्षित देश अपना।
हो अनेकता में एकता,
हर किसी का है यह सपना।
उर्मिला ढौंडियाल ‘उर्मि’
देहरादून (उत्तराखंड)