
लिख किताब पे नाम मेरा
कुछ,देर इंतजार कर लेते ।
अकेले जवाब ढूंढने से पहले
मुझसे सवाल कर लेते ।
देख बारिश की बूंदे अब
तुम मुझे याद करना भूल गए
दर्द की वजह बनने से पहले,
हाथ मेरा तुम थाम लेते।।
पूछताछ अब क्या करना
होगा किस्मत का ये फैसला
बस दूर जाने से पहले
मुझे जी भर के देख लेते ।।
( किताबों के अक्षर पर आप रुक जाना
जाने की जरूरत नहीं
मेरे चेहरे की मुस्कुराहट तुम बन जाना।
मैं तुम्हें पढ़ने आऊंगा एक दिन फिर से
मेरी लिखी गजल तुम बन जाना।।)
नीरज चौधरी नीर इटारसी स्वरचित रचना