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प्रथम पूज्य श्री गणेश

विघ्न बाधा सब हरो!
प्रथम पूज्य भगवान।
ले हाथों में पूजा का थाल,
करते हैं आह्वान।

सुख समृद्धि विद्या बुद्धि
मंगालता के ईश ।
करके अनुग्रह भक्तों पर
पधारो हे! गणाधीश।

आप ही दाता बुद्धि प्रदाता
गौरी सुत मंगल कर्ता।
अक्षत, चंदन, लड्डू, मोदक का,
भोग है तुमको अतिभाता।

तम को हरो, भरो ज्ञान का,
प्रकाश हे! कृपा निकेता।
देवताओं में अग्रपूजक गजानन!
तुम ही हो मेरे भाग्य विधाता।

उर्मिला ढौंडियाल ‘उर्मि’
देहरादून (उत्तराखंड)

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