
यह यादें, जिंदगी का
अजीब सा हिस्सा होती हैं।
दिल के कोने में कहीं
छुप के सोती हैं।
तनहाई में यक ब यक
मुस्काती सामने आती हैं।
आंसुओं से दोस्ती इनकी,
उन्हें भी साथ लाती हैं।
ये भले ही रुलाती हैं,पर
दिल को अजीब सा
सुकून दे जाती हैं।
यह आंसू की बूंदे
ऐसी क्यों होती हैं???
यह यादें ऐसी क्यों होती हैं???
सुलेखा चटर्जी,