
देखते ही देखते, वह देखना
जो प्यार हो रही,
कहते कैसे,बात मन की
बात जो बाकी रही??
दिन गुज़ारे, माह गुजरे,साल
भी तो गुजर गए।
टीस उसकी रह गई,बस
बात जो बाकी रही।
जिंदगी में मिल ना पाए,
वह शायद नसीब था।
याद फिर वो रह गया,
बात जो बाकी रही।
लोग कहते भूल जाओ, कैसे
भूलें बात वो सब??
मेरा दिल,तुम जानती हो,
बात यह बाकी रही।
सुलेखा चटर्जी