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  • सेवा और त्याग की सार्थकता

    “सच्ची और सम्मान के लिए पैसे की नहींबल्कि सेवा और त्याग की जरूरत होती है”सेवा और त्याग, मनुष्य जीवन का…

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  • मानवधन

    दिवा है शनिदेव की ,महिमा बड़ी अपार ।दे दे लेखनी में शक्ति ,विघ्न हरो बेशुमार ।।एक कल आनेवाला ,दूजा कल…

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  • समाधि पाद

    सूत्र— ३तदा द्रष्टुः स्वरूपेऽवस्थानम् । तदा= उस समय; द्रष्टुः= द्रष्टा की; स्वरूपे= अपने रूप में अवस्थानम्= स्थिति हो जाती है…

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  • समाधि पाद

    सूत्र— २योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः । चित्त की वृत्तियों का निरोध {सर्वथा रुक जाना} योगः= योग है ।अनुवाद— चित्त की वृत्तियों का सर्वथा…

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  • पहली कविता: श्रीमद्भगवद्गीता

    कविवर सुमित्रा नंदन पन्त के अनुसार:- वियोगी होगा पहला कवि,आह से उपजा होगा गान,निकल कर आँखों से चुपचाप,बही होगी कविता…

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  • जाने से पहले

    लिख किताब पे नाम मेराकुछ,देर इंतजार कर लेते ।अकेले जवाब ढूंढने से पहलेमुझसे सवाल कर लेते ।देख बारिश की बूंदे…

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  • साहित्य लेखन मात्र शब्दों की सजावट नहीं है

    “एक लेखक ही साहित्य के आधारस्तंभ पर सभ्य समाज का पथ प्रदर्शक का कार्य करता है”साहित्य केवल शब्दों का सजावट…

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  • समय

                         समय तो अनंत काल से अनंत यात्री है। इस यात्रा के असंख्य चरण बीत चुके हैं। सतयुग, द्वापर, त्रेता…

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  • हम बानीं नेता बिहार के

    हम बानीं नेता रउआ बिहार के ,काहे देखत बानीं अईसे निहारके ।निर्धनता से परे हो जाओ बिहार ,आईं आकर्षक बनाईं…

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  • वादा कर गया वो बैरी

    वादा कर गया वो बैरीवापस आने का ,हमसे प्रीत करने कासाथ निभाने काबरस कितने बीत गएना आया वो खुदना भेजा…

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