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साहित्यिक सचेतना एवं स्वास्तिक मासिक पत्रिका द्वाराहिंदी पखवाड़ा एवं हिंदी दिवस काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन – 14 सितंबर 2025

साहित्यिक सचेतना एवं स्वास्तिक मासिक पत्रिका द्वारा रविवार 14 सितंबर 2025 को हिंदी दिवस पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ सरस्वती वंदना के द्वारा प्रारंभ हुआ। दीपा नेगी बिष्ट ‘दीप्ता’ जी द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। सभा का प्रारंभ गुरुदेव नरेंद्र रावत ‘नरेन’ जी के उद्बोधन से शुरू हुआ। इसके पश्चात सभी रचनाकारों ने अपनी काव्य प्रस्तुतियां प्रस्तुत की। हिंदी गोष्ठी में राय सिंह भंडारी जी, मंगेश सिंह जी, उर्मिला पपनोई ‘श्रीजा” जी, जुगल किशोर त्रिपाठी जी, मीरा मोहन जी, आशीष तिवारी जी, विजय सजवाण जी, चंदेल साहिब जी, दीपा नेगी बिष्ट जी, नीरजा मेहता ‘कमलिनी’ जी, निशा अतुल्य जी, शारदा ओझा जी, नीलू मुस्ताजर जी, सन्नू नेगी जी, राम सिंह भंडारी जी, नेहा शर्मा ‘नेह’ जी, डॉक्टर श्वेत केतु शर्मा जी, यशोदा मैथानी ‘चेतना’ जी, योगेश गहतोड़ी जी, किरण कांडपाल जी, सावित्री भारतीय जी, घनश्याम अग्रवाल जी, श्रवण कुमार बाजपेई जी, जयश्री सिंघल जी, शारदा कनोरिया जी एवं विजयश्री जी उपस्थित रहे।

गोष्ठी का संचालन साहित्यिक सचेतना मंच की राष्ट्रीय सचिव एवं संपादक प्रीति डिमरी ‘प्रीत’ जी द्वारा किया गया।

इस शुभ अवसर पर 1 सितंबर से 14 सितंबर 2025 तक हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित विविध साहित्यिक गतिविधियों की भी सराहना की गई, जिनका सारांश इस प्रकार है—

  • 1 सितंबर (सोमवार): काव्यसृजन – हिंदी गंगा सी है धारा (विवेचक: दमयंती राणा जी)
  • 2 सितंबर (मंगलवार): कहानीसृजन – हिंदी वेदों की वाणी (15 मुहावरों/लोकोक्तियों का प्रयोग) (विवेचक: योगेश गहतोड़ी ‘यश’ जी)
  • 3 सितंबर (बुधवार): गद्यसृजन (आलेख) – हिंदी: राष्ट्रभाषा, राजभाषा, मातृभाषा, अनिवार्य भाषा (विवेचक: रानी रावल ‘रुद्रश्री’ जी)
  • 4 सितंबर (गुरुवार): काव्यसृजन – हिंदी तनया प्यारी (अलंकार-आधारित कविता) (विवेचक: अनिता मेवाल ‘अन्नु’ जी)
  • 5 सितंबर (शुक्रवार): शिक्षक दिवस आयोजन – आलेख विषय: मानवीय स्वभाव मूल रूप से अच्छा है… (डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन) (विवेचक: डॉ. माधवी मिश्रा ‘शुचि’ जी)
  • 6 सितंबर (शनिवार): भाषण प्रतियोगिता – क्या हिंदी सनातन का आधार है? (विवेचक: राय सिंह भंडारी ‘चैतन्य’ जी)
  • 7 सितंबर (रविवार): हिंदी दिवस पर वीडियो एवं हिंदी सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (निर्णायक: गोपनीय)
  • 8 सितंबर (सोमवार): पितृपक्ष पर कविता – पितृऋण (विवेचक: योगेश्वरी भारद्वाज जी)
  • 9 सितंबर (मंगलवार): पत्रलेखन – प्रेमपत्र: मैं तेरी/तेरा हो जाऊँ (विवेचक: जुगलकिशोर त्रिपाठी जी)
  • 10 सितंबर (बुधवार): हिंदी दिवस पर नाटक – हिंदी की वैज्ञानिकता (विवेचक: दीपा नेगी बिष्ट ‘दीप्ता’ जी)
  • 11 सितंबर (गुरुवार): छंद आधारित सृजन – दोहा छंद: हिंदी पावन गान है (विवेचक: प्रवीणा पगारे जी)
  • 12 सितंबर (शुक्रवार): काव्यसृजन – भावों की सविता (नौ रस आधारित कविता) (विवेचक: शारदा कनोरिया ‘शुभा’ जी)
  • 13 सितंबर (शनिवार): भावपल्लवन – हिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है (स्वामी दयानंद) (विवेचक: मीरा मोहन जी) एवं सनातन वेबीनार (रात्रि 8 बजे)
  • 14 सितंबर (रविवार): हिंदी दिवस पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी (दोपहर 3 बजे, गूगल मीट)

इस आयोजन ने हिंदी के प्रचार-प्रसार, संरक्षण और संवर्धन के प्रति मंच की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। साहित्यिक सचेतना मंच एवं स्वास्तिक पत्रिका के संयुक्त प्रयासों से हिंदी दिवस को एक सृजनात्मक उत्सव के रूप में मनाया गया, जिसमें देशभर के रचनाकारों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई।

प्रेषक,
योगेश गहतोड़ी “यश”
सचेतना राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, साहित्यिक सचेतना

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