
नवरात्रि का पावन त्यौहार
हर घर सजने लगे।
लागी भक्तों की बड़ी कतार
घंटे बजने लगे।।।
मैया की मूरत
सुंदर सी सूरत
मां कीआंखों में करुणा भंडार
सबको दिखने लगा।।
नौ दिन मां की स्तुति के है
मां की शोभा निरखन के है,
पहला शैलपुत्री का दरबार
मंदिर सजने लगा।।
ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा,
दूसरा तीसरा और दिन चौथा
पांचवा स्कंद माता का सत्कार
बढ़कर कर होने लगा ।।
कात्यायनी, कालरात्रि, भवानी
महागौरी, सिद्धिदात्री. रानी
मां कृपा करो हम पर बारंबार ,
जीवन सजने लगा।।
पुष्पा पाठक छतरपुर मध्य प्रदेश