
आया दिन नवरात्र का आगमन हुआ खास ।।
श्रद्धा भाव से भक्ति करे पूरण होते आस।।
माँ भवानी, तेरे रूप अनोखे,
सिंह पर सवार, त्रिशूल लेके।
दया की मूरत, संकट में सहारा,
तेरे आशीष से मिले उजियारा।
तेरी छाया में हर भय दूर जाए,
माँ भवानी तेरा प्रेम ,हमेशा पाए।
रूप माता का देख हर भक्त मुस्कुराए ।
माता का सोलह श्रृंगार सबके मन को भाए।।
माता की दीवानी भक्त सारे हो गए
दर्शन से ही मैया के भावो में खो गए।
मैया का चोला सबको सुहाये
मैया की पायलिया मन को भाये।।
पहन नर मुंडो की माल,
दुष्टों का करती बुरा हाल।।
आई शेर पर सवार,
शेरावाली मैया आई सबके द्वार।।
शैलपुत्री धैर्य की मूरत ,ब्रह्मपुत्री संतुलन की छाया ।
चंद्रघंटा वीरता की छवि भय हरती निर्भय समाया ।।
कुष्मांडा उज्ज्वलता लाती, स्कंदमाता स्नेह दुलार ।
कात्यायानी पराक्रम से करती दुष्टों का संहार।।
कालरात्रि साहस का स्वरूप,
महागौरी शांति का अद्भुत रूप।
सिद्धदात्री पूर्णता की देवी ,लेती मैया नवदुर्गा स्वरूप।।
श्रीमती प्रतिभा दिनेश कर विकासखंड सरायपाली जिला महासमुंद छत्तीसगढ़