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बजट 2025: वो पांच चिंताएं, जिन पर निर्मला सीतारमण से रहेगी उम्मीद

जबकि महंगाई के हिसाब से मज़दूरी और वेतन में बढ़ोतरी नहीं होने से ख़ासकर सीमित आमदनी वाले परिवारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवीं बार बजट पेश करने की तैयारी कर रही हैं, वहीं आम आदमी बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी और घटती खपत के बीच कुछ राहत की उम्मीद लगा रहा है.

अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमी पड़ने के कारण निवेशकों में घबराहट है और इसने रोज़गार के अवसरों को भी कम किया है.

जबकि महंगाई के हिसाब से मज़दूरी और वेतन में बढ़ोतरी नहीं होने से ख़ासकर सीमित आमदनी वाले परिवारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

पिछली तिमाहियों में कंपनियों के निराशाजनक प्रदर्शन ने भी इन हालात को मुश्किल बनाया है. जिससे नौकरी चाहने वाले युवाओं को पर्याप्त संख्या में रोज़गार नहीं मिल पा रहा है.

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