Vijay Kumar
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साहित्य
साक्षरता अभियान
गुरु देते हैं ज्ञान सभी को,खुद पढ़ें सबको पढ़ाएं!ज्ञान की गंगा बहकर,स्नेह की सरिता बहाएं!! ‘जिज्ञासु’ जन समाज में,साक्षरता अभियां…
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साहित्य
निर्दय
उस गली से अब मैं गुजरता नहीं,याद बनकर भी दिल से उतरता नहीं। वो मिली थी वहीं, ख्वाब टूटे सभी,उसकी…
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साहित्य
झरना और मैं
झरनों की तरह बहा करो,नित वर्तमान में जिया करो। कल-कल सी ध्वनि लेकर,तुम पल-पल ऊंचा उठा करो। इठलाओ तुम उच्च…
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साहित्य
हिंदी तनया प्यारी
उपमा अलंकार:सूरज-सी उजली, चाँद-सी निराली है हिंदी,मधुबन-सी सुवास, अमृत की प्याली है हिंदी। रूपक अलंकार:हृदय की धड़कन, जीवन की कांति…
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साहित्य
“ज्ञान का दीपक गुरु जलाते
ज्ञान का दीपक गुरु जलाते।होती है, विद्या जीवन की..सबसे कठिन साधना, उसका..मूल मंत्र शिष्यों को समझाते। शिक्षा मानव विकास का…
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साहित्य
एक दिन वह भी आएगा
हर इंसान सपने देखता है, हर सपना कुछ अलग होता है। मैंने एक सपना देखा है। स्वच्छ निर्मल आकाश होगा,…
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साहित्य
सरस्वती तू
भव-भय हारिणि, शोक विनाशिनि, रुपराशि अतुलित भारी।हे सुमुखि सुलोचनि, शशि सम आननि, सब दुख मोचनि माँ न्यारी।कमलनि-सी कोमल, शुभ्र सी…
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साहित्य
हमारा देश भारत और हमारी राष्ट्रीय सामाजिक कुरीतियाँ
सामाजिक कल्याण और लोक मंगल: एक विश्लेषण आज के वर्तमान परिदृश्य में मेरा और ज्यादातर निर्विवादित, निष्पक्ष और निर्भीक सोच…
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साहित्य
इसीलिए आई हूं।
चाँद को सोता छोड़ निकल आई हूं,सूरज को जगाना है, अंधेरा भगाना—इसीलिए आई हूं। अंधेरों ने उजाले को ढक रखा…
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साहित्य
शिक्षक की भूमिका
पेड़ों की जड़ों को पानी दे,वो शिक्षक है।जीवन में चलने का मार्ग बताये,वो शिक्षक है। टूटती हुई साख को,पानी का…
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