
नन्हा सूरज एक दिन बोला
आज मुझे नहीं जाना है
सो रहे हैं धरती पर सब बच्चे
आज मुझे भी सोना है
छुट्टियां चल रही बच्चों की
मुझे भी एक दिन छुट्टी मनाना है
करते हैं सब अपने मन की
आज मुझे भी करना है
कोई पसंद नहीं करता मुझे
सब चंदा को याद करते हैं
ऊष्मा का भंडार हूं मैं
इसलिए मुझसे डरते हैं
चांद को प्यार करते हैं सब
सब उसको बुलाते हैं
कहते चंदा मामा उसे
मुझसे लाड़ नहीं लड़ाते हैं
वो भी है मेरा भाई
फिर मुझसे क्यों कतराते हैं
प्रिया काम्बोज प्रिया
स्वरचित कविता