Uncategorized
-
“रक्षाबंधन पर विशेष”
भाई-बहन का प्यार धागा हर्षाने लगा,होकर के मजबूत।भाई के कर में बँधा,बहना है अभिभूत।। राखी की फैली महक,अहसासों से प्यार।भाई…
Read More » -
रिश्तों से तन्हाई तक
यूं ही नहीं भाने लगीं तन्हाइयां हमें,इनकी भी लंबी दास्तान है।रिश्तों की भीड़ से तन्हाई तक ,कई मुकाम आए हैं।।…
Read More » -
(बेटी) तुम्हारे लिए
किन शब्दों को पिरोऊं कविता में !तुमसे मेरे जीवन में आई बहार है।सूना था मेरा आंचल और आंगन !तुम्हारे आने…
Read More » -
सदैव साथ है
आशुतोष प्रभु जी अन्तर्यामीसुनो हमारी करूण कहानीमै तो मुर्ख , अजड़ अज्ञानीकरता जाने कितनी नादानी दुष्ट से दुष्ट जो शरण…
Read More » -
तू कौन है, भोले?
नगर-नगर, डगर-डगर तू क्यों ऐसे फिरता है?बनके अजनबी, अपने ही घर में क्यों रहता है?तुझे कहूँ मुसाफ़िर या कोई घुसपैठिया,क्यों…
Read More » -
स्नेह सुधा बरसाने वाली
मनका मंदिर है खाली,दिल का सिंहासन भी खाली !तरुणी कहाँ छुपी जा बैठी,स्नेह सुधा बरसाने वाली !! मन को तुम…
Read More » -
सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर है।
जीवन सीमित,आकांक्षाएं,इच्छाएं सीमाहीन।इस बीच जीवन जीना औरचाहना नित् नवीन।इच्छापूर्ति हेतु आपाधापी,उलझन का गरल पान,राग द्वेष,अशांति, हैमनुष्य सत्य से अनजान।कुछ अशांति…
Read More » -
मोबाइल: जरूरत या अभिशाप?
(स्वरचित आलेख) आज के तकनीकी युग में मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। यह एक…
Read More » -
मनमौजी मौसम
ना तेज़ हवा, ना रुत जवाँ,ये वक़्त की अल्हड़पंती है। ना फूल खिला, ना बाग सजा,ये सावन की मटरगश्ती है।…
Read More » -
क्या विना यज्ञ जनेऊ {उप’वीत} धारण किये हम ब्राह्मण हैं ?
।। क्या विना यज्ञ जनेऊ {उप’वीत} धारण किये हम ब्राह्मण हैं ? ?? ??? ।। सदोपवीतिना भाव्यं सदा बद्धशिखेन च…
Read More »