Uncategorized
Trending

काव्य- चांद सा पिया

चौथ की चांदनी ,रात की रागिनी

पिया का देख मुख मंडल ,

अंतर्मन में लिप्त हो रहे ,जीवन के सुमधुर क्षण।।।

सुहागन के जीवन का आधार,

प्रतिपल होता मन में कई विचार ।

सात जन्मों में बंधने कोहो जाता है हृदय तैयार।।

चौथ की चांदनी, रात की रागिनी

पिया के मुख को देख,खिल उठे मन की गिनी।

व्रत मेरा, उनकी लंबी उम्र की कामना में,
हर पल खोई उनकी खुशियों की धुन में।

चाँद से मांगती, सुखमय जीवन की राह,

सपनों में भी , मेरे हृदय की यही चाह।

साथ सात जन्मों तक, बंधे रहे प्रेम की डोर।

करवाचौथ की रात, रहे आनंद और मोर।।

चाँद के दर्शन से मांगती उनकी सुखमय जीवन यात्रा।

सपनों में भी बस वही, मेरे हृदय संग करे जीवन यात्रा।


श्रीमती प्रतिभा दिनेश कर
विकासखण्ड सरायपाली
जिला महासमुंद छत्तीसगढ़

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *